Cash Flow Statement कैसे देखे

किसी भी सेक्टर का फाइनैन्शल तीन चरणों में बाटाँ जाता है और यह वित्तीय विवरण (Financial Statement) कंपनी को तिमाही या वार्षिक रूप से सार्वजनिक (Publicly) घोषणा (Announce) करना होता है। अक्सर लोग लाभ & हानि (Profit & Loss) और बैलेन्स शीट (Balance Sheet) को ही देखते है, Cash Flow Statement को नजर अंदाज (By forget) कर देते है।

क्योंकि आप एक प्रॉफिटेबल निवेशक के अनुसार कंपनी के सभी रैशीओ और विवरण को देखना और उसे समझना चाहिए। अगर आप किसी कंपनी में निवेश करने के लिए सोच रहे है तो यह सभी विवरण और वित्तीय रैशीओ को देखना आवश्यक है। इसको समझने के बाद यह आपके जोखिम को बहुत हद तक कम करता है जिससे आप अपने होल्डिंग को लॉंगटर्म तक रख सकते है।

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Cash Flow Statement का अर्थ क्या है (What is the meaning of Cash Flow Statement)

इस विवरण के माध्यम से कंपनी में कैश का इन्फ्लो और आउट्फ्लो का सही परिमाण दिखने को मिलता है, जब एक व्यापार (Business) में कैश आता है तो उसे कैश इन्फ्लो (Cash Inflow) कहते है और अगर व्यापार से कैश निकलने को कैश आउट्फ्लो (Cash outflow) कहते है।

यह सभी प्रकार के कैश इन्फ्लो और आउट्फ्लो को कंपनी के Cash flow Statement में विस्तार से अंकित किया जाता है। जैसे कोई कंपनी अपना Fixed Asset को बेचती (Sale) है तो उसके द्वारा व्यापार में जो कैश आएगा, उसे कैश इन्फ्लो कहते है, और अगर कोई कंपनी अपने लिए Fixed Asset खरीदती (Purchase) है तो उसे कैश आउट्फ्लो कहते है।

Example:- एक AyZ Company Pvt. Ltd. ने अपने प्रोडक्ट को क्रेडिट में बेचती है और जो प्रॉफ़िट होता है उसे अपने Net Profit में दिखती है। आप लोग को पता तो होगा, की क्रेडिट के पैसे को चुकाने के लिए 60 दिनों का समय होता है। कुछ मामलो (Case) में कंपनी के नेट प्रॉफ़िट करोड़ में होते है और उसके अगले तिमाही (Quarter) में नेट प्रॉफ़िट कम हो जाता है। इससी कारण से निवेशक Cash Flow Statement देखते है, यहाँ वास्तविक समय में कैश का Inflow और Outflow देखने मिलता है।

Cash flow Statement को कैसे पढ़े (How to Learn Cash flow Statement)

अकाउंट को दो प्रकार से बाटाँ जाता है पहला Cash Basic Accounting और दूसरा Accrual Basic Accounting जिसे विस्तार में समझते है। जब कोई कंपनी अपने सर्विस या प्रोडक्ट को सेल करती है तो उसके द्वारा आया पैसे बैंक अकाउंट में प्राप्त (Received) होता है।

तो उसे Cash Basic Accounting कहते है। इसके ठीक उल्टा Accrual Basic Accounting में जब कंपनी अपने प्रोडक्ट का Deal या Contract Sign. करने के बाद ही उस अमाउन्ट को अपने आय (Revenue) में दिखा देती है। इसी कारण Revenue, Net Profit और Cash flow में अंतर देखने को मिलता है।

इसी कारण से आपको Net Profit के साथ Cash Flow Statement को तुलना करना जरूरी होता है। Cash Flow Statement Format में आपको 5 बेसिक हेडिंग देखने को मिलती है। Operating Activity, Investing Activity, Financial Activity, Net Cash flow और Other एक अहम भूमिका निभाते है। इस आर्टिकल के द्वारा हम कुछ बेसिक मापदंडो पर नजर डालते है।

Cash flow From Operating Activity

इसमें आपको कंपनी के Operating Activity का विवरण देखने को मिलता है जैसे की कंपनी के Depreciation, Advertising, Printing, Preliminary Expense Written Off, Inventory, Interest On Loan, Loss on sales of Fixed Assets इत्यादि है। इन सभी प्रकार के Activity को Cash flow Statement के Operating Activity में दिखाया जाता है।

Depreciation :- इसका Calculation कंपनी के द्वोरा खरीदे गये Machine, Device, Building, और Furniture के कुल खरीद अमाउन्ट पर किया जाता है। जैसे की कोई कंपनी ट्रांसपोर्ट के लिए एक लॉरी (Truck) लेती है जिसका एक वार्षिक दर से उस लॉरी का Depreciation निकाला जाता है जो उसके खरीद अमाउन्ट से घटाया जाता है। इस दर से उस लॉरी का मुल्य प्रति वर्ष घटता रहता है जिसे Depreciation कहते है। उसी प्रकार कंपनी के Building, Furniture का भी Depreciation निकाला जाता है और उससे Net Profit से घटा कर Operating Activity में दिखाया जाता है।

Advertisement :- जब कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट के मार्केटिंग के लिए, किसी Advertising Agency को कान्ट्रैक्ट देती है। जिससे उनके प्रोडक्ट को लोगों तक पहुंचाया जा सके, जिससे कंपनी के सेल में वृद्दि हो सके। इसको कंपनी के Cash flow Statement Format के Operating Activity में दिखते है।

Printing :- ABZ कंपनी अपने ब्रांड का Banner Design और logo Design को प्रिन्ट के साथ-साथ उससे Design करने में जो Cost लगता है उसे इसमें दिखाया जाता है।

Preliminary Expenses Written Off:- एक नया ABZ कंपनी को Establiste करने से पहले जो खर्च (Expanses) लगता है जैसे की GST Regn. Property Paper और Trade License पेपर को रेडी करने में जो खर्च लगता है उससे ही तो Preliminary Expenses कहते है। इस Expenses को ज़्यादा दिनों तक Cash flow के Operating Activity में शो नहीं करते है इसे Securities Premium Reserve से Written off करते है जो आपको Section 52(2) Companies Act,2013 के द्वारा Permitted किया जाता है। और उसके अलावा इसको आप इसको कंपनी के लाभ & हानि के विवरण से निकाल लिया जाता है।

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Cash flow From Investing Activity

इस केटेगरी में कंपनी के द्वारा निवेश किये गये Assets से जो आय (Income) होता है उसे दिखाया जाता है। कंपनी अपने लिए Fixed Assets Purchase करती है और कुछ वर्षों में उसे अगर बेचती (Sell) है तो उससे जो लाभ (Profit) होता है वह इस Cash flow Statement में देखने को मिलता है। यह एक और बात समझना होगा की कंपनी अपने Fixed Assets को क्यूँ सेल कर रही है क्योंकि कोई कंपनी अपने Assets को जल्दी सेल नहीं करती है। कभी कभी कंपनी बैंक से लोन ना ले कर अपने Fixed Assets को सेल करती है अपने बिजनेस को Expend करने के लिए।

Purchase of Fixed Assets/Investing, Sale Of Fixed Assets/Investment, Dividend Received, Interest Received, Rent Received etc.

Purchase of Fixed Assets/Investing:- इसके अनुसार कंपनी के पास कितना Fixed Assets और Investment है इसका पता चलता है। Fixed Assets जैसे की Machinery, Furniture, Land और Building आदि है। यह सभी ऐसेट कंपनी के लिए लॉंगटर्म इन्वेस्टमेंट होता है।

Sale Of Fixed Assets/Investment :- इस विवरण के द्वारा एक कंपनी में कितना Cash Inflow हो रहा है यह देखने को मिलता है। जब कोई कंपनी अपने लॉंगटर्म ऐसेट को सेल करती है तो उससे प्राप्त लाभ को इस विवरण में दिखती है। कंपनी अपने Fixed Assets को जल्दी सेल नहीं करती है क्योंकि यह उनके वेल्थ क्रीऐशन में मदद करता है।

Cash flow From Financial Activities

इसमें कंपनी के Financial Activities को उसके Cash Inflow और Outflow के अनुसार दिखायाँ जाता है। किसी ABZ कंपनी को शुरू करने के लिए Cash की आवश्यकता होती है। जिससे कंपनी अपने Assets और Liabilities को प्रबंधित कर सके। कंपनी अपने पैसे की आवश्यकता मार्केट में Share Issued करके या बैंक से लोन ले कर करती है। Issue of Share/Debenture, Loan, Redemption of Preferans/Debenture, Loan Paid, Interest Paid, Dividend Paid ये सब इस विवरण में देखने को मिलता है।

Issue Of Share/Debenture:- जब कोई कंपनी Share Issue या Debenture Issued करके पैसा इकट्ठा करती है तो उससे इकट्ठा किये गए पैसे को इस विवरण में दिखाते है। इससे इकट्ठा किये गये पैसे को कंपनी अपने Growth या Debt चुकाने में भी कर सकती है।

Redemption of Preference/Debenture:- इसमें Company Act 2013, के Section 55 के अनुसार जब कोई कंपनी अपने Preference share holder को फिक्स्ट dividend देना होता है। जब कोई कंपनी Preference share के Dividend से रीडीम (Redeem) करती है तो उस केस में कंपनी से पैसा जाता है। और इस विवरण को Financial Activities में Minus से दिखाते है।

Net Cash flow

यह आंकड़ा कुल कंपनी के Cash Inflow और Outflow दिखाता है। कंपनी वार्षिक cashflow Statement सार्वजनिक करती है जिसमें Operating Activities, Investing Activities और Financial Activities के सभी विवरण को दिखाया जाता है उसके बाद Net Cash Flow का Balance होता है। जिससे उस कंपनी का Net Cash Positive या Negative का पता कहता है।

Net Cash flow = Total Cash Inflow – Total Cash Outflow . जैसे की कोई कंपनी अपने वार्षिक कुल Cash Inflow में से कुल Cash Outflow को निकाल देने से जो Value मिलता है। उसे ही Net Cash flow कहते है अगर वैल्यू Positive या Moderate हुआँ तो सही होता है अगर यह Negative हुऍ तो सावधान होने की जरूरत है। कोई भी कंपनी अपने Net Cash flow को अच्छा रखने की कोशिक जरूर करती है।

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