म्यूचुअल फंड के प्रकार सरल भाषा में / Types Of Mutual Funds In Easy Language

म्यूचुअल फंड हमेशा से ही निवेशकों के लिए एक आकर्षित निवेश रहा है, परन्तु कई सारे निवेशकों को इस बात का ज्ञान ही नहीं है की म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते है और इसी जानकारी के अभाव के कारण कई निवेशक अपने लिए सटीक या सही म्यूचुअल फंड का चुनाव नहीं कर पाते है।

म्यूचुअल फंड के प्रकार सरल भाषा में (Types Of Mutual Funds In Easy Language)

आज इस आर्टिकल के सहायता से हम सरल तरीके से समझेंगे की मार्केट में म्यूचुअल फंड के कितने प्रकार है जिससे हम अपने आवश्यकता के अनुसार सही म्यूचुअल फंड का चयन कर सके और जिससे अपने निवेश पर अधिक से अधिक लाभ उठा सकते है।

म्यूचुअल फंड को मुख्य रूप से पाँच भागों में बाँटा गया है और उनके भी कई प्रकार है जो निम्नलिखित है।

इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)

इक्विटी म्यूचुअल फंड ऐसे म्यूचुअल फंड है जिसमें कुल राशि का 60% से अधिक इक्विटी में निवेश करना अनिवार्य है यह कुछ राशि Debt में निवेश कर सकती है परन्तु इसका मुख्य उद्देश्य इक्विटी में निवेश करना ही होता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड में अन्य फंड के तुलना में ज्यादा जोख़िम होता है परन्तु इसमें लाभ (Return) भी अधिक होता है।

Equity Mutual Fund को तीन भागों में बाँटा गया है जो निम्नलिखित हैं:

Market Capitalization Fund (Market Cap Fund)

इक्विटी म्यूचुअल फंड को उनके Market Capitalization के अंतर्गत पांच भागों में बाँटा गया है:

1. Large Cap Mutual Fund

2. Mid Cap Mutual Fund

3. Small Cap Mutual Fund

4. Multi Cap Mutual Fund

5. Flexi Cap Mutual Fund

Investment Style Fund

इक्विटी म्यूचुअल फंड को उसके Investment Style के अंतर्गत छह प्रकार में विभाजित किया जा सकता है जो निम्नलिखित है:

1. Sectoral Mutual Fund

2. Index Mutual Fund

3. Thematic Mutual Fund

4. Dividend Mutual Fund

5. Focused Mutual Fund

6. Contra Mutual Fund

Tax Savings Mutual Fund (ELSS Mutual Fund)

Tax Saving Mutual Fund या ELSS Mutual Fund (Equity Link Saving Scheme) एक Equity Mutual Fund है। इस फंड में कुल राशि का न्यूनतम 80% हिस्सा इक्विटी या इक्विटी से संबंधित Instruments में निवेश करना अनिवार्य होता है।

Tax Saving Mutual Fund या ELSS Mutual Fund में आपको आय कर अधिनियम 1961 की धारा 80C के अंतर्गत आप वार्षिक कर योग्य आय से 15,00,000 रुपए तक के कर के छूट का दावा कर सकते है।

ELSS Mutual Fund में 3 वर्ष का Locking Period होता है और आप 3 वर्ष के बाद ही अपने निवेश को निकाल पायेंगे। तीन वर्ष के बाद आपको जो भी राशि प्राप्त होगी उसे Long Term Capital Gain माना जायेगा और LTCG Tax के अंतर्गत आपको 10% का टैक्स देना होगा यदि आय 1 लाख रुपये से अधिक होता है तब (आपके Income Tax Slab के अंतर्गत)।

Debt Mutual Fund

Debt Mutual Fund ऐसे म्यूचुअल फंड है जो अपना निवेश ऋण संबंधित Instrument जैसे Government Bond, Corporate Bond, Loan और Money Market इत्यादि में निवेश करते है।

Debt Mutual Fund में Equity Mutual Fund की तुलना में जोख़िम कम होता है और इसमें लाभ (Return) भी Equity Mutual से कम होता है।

Debt Mutual Fund में निवेशक कम जोख़िम उठाने और एक स्थिर लाभ के उद्देश्य से निवेश करते है। Debt Mutual Fund में आप अपना निवेश को कभी भी निकाल सकते है (Scheme के आधार पर) और इसी कारण कई लोग Fixed Deposit के तुलना में अपना निवेश Debt Fund में करना अधिक पसंद करते हैं।

Debt Mutual Fund को आठ भागों में विभाजित किया जा सकता है जो निम्नलिखित है:

1. Overnight Mutual Fund

2. Liquid Mutual Fund

3. Dynamic Band Mutual Fund

4. Corporate Bond Mutual Fund

5. Credit Risk Mutual Fund

6. Gilt Mutual Fund

7. Long Duration Mutual Fund

8. Money Market Mutual Fund

Hybrid Mutual Fund

Hybrid Mutual Fund ऐसे म्यूचुअल फंड है जो Debt और Equity दोनों में निवेश करते है। इन म्यूचुअल फंड में फंड मैनेजर को निवेश के कुल राशि का कुछ हिस्सा Debt यानि की Government Bonds, Corporate Bonds इत्यादि और कुछ हिस्सा Equity यानि कंपनियों के शेयर में निवेश करना अनिवार्य होता है।

Hybrid Mutual Fund उन लोगों के लिए अच्छा माना जाता है जिनको Debt Mutual Fund की सुरक्षा (Safety) के साथ-साथ Equity का लाभ भी चाहिये।

Hybrid Mutual Fund में निवेश Debt Mutual Fund की तुलना में ज्यादा जोख़िम रहता है परन्तु Hybrid Mutual Fund में जोख़िम Equity Mutual Fund की तुलना में कम होता है।

Hybrid Mutual Fund सात प्रकार के होते है जो निम्नलिखित है:

1. Aggressive Hybrid Mutual Fund

2. Conservative Hybrid Mutual Fund

3. Dynamic Asset Allocation Mutual Fund

4. Multi Asset Mutual Fund

5. Arbitrage Mutual Fund

6. Equity Savings Mutual Fund

7. Balanced Mutual Fund

Solution Oriented Mutual Fund

म्यूचुअल फंड में लोग आमतौर पर अपने पैसे को निवेश अधिक लाभ और लम्बे अवधि में अपने पैसों को बढ़ाने (Grow) के उद्देश्य से निवेश करते है। परन्तु कुछ लोग म्यूचुअल फंड में निवेश एक निर्धारित उद्देश्य से भी करते है जैसे की अपने बच्चे के Education के लिये या फिर अपने Retirement के लिए।

SEBI ने Solution Oriented Mutual Fund के अंतर्गत दो प्रकार के म्यूचुअल फंड की Category बनाया है जो निम्नलिखित है:

1. Retirement Mutual Fund

2. Children Education Mutual Fund

Other Mutual Fund

उपयुक्त सभी म्यूचुअल फंड प्रकार के साथ ही और भी म्यूचुअल फंड के प्रकार होते है जिन्हें Other Fund में बाँटा जासकता है और इसमें भी म्यूचुअल फंड के दो प्रकार होते है जो निम्नलिखित है:

Fund of Funds

ऐसे म्यूचुअल फंड जो अपने पैसों को Direct किसी Instrument जैसे Debt, Bond या Equity में निवेश नहीं करती है बल्कि अपने पैसों को किसी और म्यूचुअल फंड में निवेश करते है जिसे Fund of Funds कहते हैं।

Fund of Funds (FOF) को पाँच भागों में बाँटा गया है:

i) Asset allocation fund of funds

ii) Gold fund of funds

iii) International fund of funds

iv) Multi manager fund of funds

v) Exchange traded fund of funds

Exchange Traded Fund (ETF)

ऐसे फंड जो की शेयर बाज़ार में Trading के लिए Available होते है और आप इन्हें अपने Demate Account के सहायता से NSE या BSE पर ख़रीद सकते है।

ETF भी म्यूचुअल फंड की ही तरह होते है परन्तु आप इसमें Trading कर सकते है क्योंकि यह कंपनी के शेयरों या Bonds की तरह Stock Exchanges पर List होते है।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के पहले अवश्य पढ़े: म्यूचुअल फंड के 10 फायदे / 10 Benefits Of Mutual Fund

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