Sovereign Gold Bond का सम्पूर्ण जानकारी, ये क्या होता हैं, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं

निवेश करने के कई तरीके हैं, जैसे की स्टॉक, बैंक में पैसे जमा (Deposit), फिक्स्ट डिपॉजिट (Fixed Deposit), सोना (Gold) में भी निवेश कर सकते हैं। सोने का निवेश पुराने दिनों की तरह खरीद कर जमा कराने के बारे में नहीं हैं। पहले के दिनों में सोना खरीद कर रखते थे, पर वो चोरी होने की संभावना अधिक होती थी। लेकिन अब सोने में निवेश करने के कई तरीके है, जैसे की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond), डिजिटल गोल्ड (Digital Gold)

हम सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) के बारे में जानेंगे की ये क्या होता हैं, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं, कितना प्रतिशत ब्याज मिलता हैं, इसमे हम जानेंगे कि अपने जोखिम (Risk) को कैसे कम कर सकते हैं।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) आरबीआई (RBI) Govt. Securities हैं, जिसकी कीमत RBI के द्वारा जारी कि जाती हैं, और यह हमें 1 ग्राम सोने के हिसाब से मिलता हैं।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond) के फायदे और नुकसान

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond) के फायदे जानते हैं

1. डिजाइन और बनाने का सुल्क (Design And Making Charges)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में भौतिक सोना (Physical gold) की तरह कोई भी Design And Making Charges नहीं देने होते हैं।

2. स्टोरेज रिस्क और कीमत (Storage Risk And Cost)

यहाँ पर कोई स्टोरेज का रिस्क और कीमत नहीं देनी परती हैं, जैसे कि भौतिक सोना (Physical gold) में तो आपको स्टॉरेज के लिए काफी परेशान होना परता हैं, यहाँ उस तरीके का कोई रिस्क नहीं हैं। क्यूंकि यह डिजिटल निवेश हैं, इसलिए यह आपके डीमैट खाते (Demat Account) में रखा रहता हैं।

3. कोई मिलावट नहीं (No Impurities)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में कोई मिलावट नहीं होती हैं, जैसे कि भौतिक सोना में तो आपको 22 कैरेट सोना या उस से कम में निवेश करना परता हैं, यहाँ पर जो आप सोने मे निवेश कर रहे हैं, वो 24 कैरेट में ही निवेश कर रहे हैं, और यहा पर इस तरीके का भी रिस्क नहीं ज्वैलरी दुकानदार ने कहा आपको 22 कैरेट का और दे दिया आपको 18 कैरेट।

4. कोई भूल-चूक और सुरक्षा जोखिम नहीं (No Default and Safety-risk)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में कोई भूल-चूक और सुरक्षा में कोई जोखिम नहीं होती हैं, क्यूकि यह भारत सरकार द्वारा समर्थित हैं।

5. टैक्स माफ (No GST or STT)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond) में किसी भी तरह के GST और STT टैक्स नहीं लगता हैं, क्यूंकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond) को सिक्योरिटीज डिजिटल एसेट माना जाता हैं। लेकिन जब आप भौतिक सोना (Physical gold) खरीदते हैं, तो वहाँ पर जीएसटी (GST) लग जाता हैं,

6. पूंजीगत लाभ पर कोई टैक्स नहीं (No Tax On Capital Gain)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) का जो परिपक्वता अवधि (Maturity Period) हैं, वो हैं 8 साल का लेकिन 5 साल बाद आप इसे कभी भी बेच सकते हैं, और आप 5 साल के बाद कभी भी बेचते हैं तो कोई भी टैक्स नहीं लगता हैं। लेकिन अब दूसरी कैपिटल लाभ (Capital Gain) निवेश को देखेंगे तो चाहे सोने के ETF हो, सोने का म्यूचुअल फंड, स्टॉक हो, या साधारण म्यूचुअल फंड हो तो उन में कैपिटल लाभ (Capital Gain) पर टैक्स लग जाता हैं।

7. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लोन (Sovereign Gold Bond Loan)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(SGB) को गिरबी रख कर आप लोन भी ले सकते हैं जैसे आप अपने भौतिक सोने (Physical gold) को गिरबी रख कर लोन लेते हैं।

8. अच्छे रिटर्न्स (Good Returns)

यहाँ अगर जोखिम की तुलना में रिटर्न देखें तो हमें बहुत अच्छा रिटर्न मिल सकता है क्योंकि यहाँ पूंजी का मूल्य बढ़ता है और लंबी अवधि में आपको 8 से 10% का रिटर्न देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही आपको 5% का सालाना ब्याज भी मिलता है, जो इसके रिटर्न को और भी बेहतर बना देता है।

9. डीमैट फॉर्म (Demat Form)

आप इसे डीमैट फॉर्म मे भी रख सकते हैं क्योंकि भौतिक प्रमाण पत्र (Physical Certificate) खोने का डर रहता हैं इसलिए हम इसे ऑनलाइन (Online) भी रख सकते हैं।

10. एक्सचेंजों पर व्यापार योग्य (Tradable on exchanges)


इसका एक्सचेंजों पर कारोबार किया जा सकता है और यदि आप इसे 5 साल से पहले बेचना चाहते हैं, तो आप इसे बेच सकते हैं।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond) के नुकसान जानते हैं।

1. लॉक इन अवधि (Lock In Period)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में आपका पैसा 5 साल के लिए लॉक हो जाता है, आप इसे 5 साल बाद ही निकाल सकते हैं, लेकिन इसमें कोई बड़ी सीमाएँ (Limitations) नहीं हैं, क्योंकि इन्हें एक्सचेंजों पर बेचा जा सकता है। आप चाहें तो इसे 5 साल से पहले भी बेच सकते हैं।

2. पूंजीगत लाभ पर टैक्स (Tax On Capital Gain)

यदि आप अपना सोना 5 साल से पहले बेचते हैं तो आप पर शॉर्ट टर्म पूंजीगत लाभ टैक्स (Short-term capital gains tax) लगाया जाता है।

3. कोई एसआईपी विकल्प नहीं (No SIP Options)

कई लोगों को आदत होती है की उनका कुछ पैसा SIP के रूप में Automatic तरीके से निवेश होते रहे। परंतु यहां कोई SIP विकल नहीं मिलता है।

किसमें निवेश करना सही: भौतिक सोना (Physical Gold) या डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond)

नीचे दिए गए 3 अन्तर भौतिक सोना (Physical Gold) या डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond) में से आपके लिए कोन सा विकल्प सही हैं।

भौतिक सोना (Physical Gold)डिजिटल गोल्ड (Digital Gold)सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond)
प्राइस (Price)वर्तमान कीमत (Current Price)वर्तमान कीमत (Current Price)आरबीआई (RBI) द्वारा तय की गई मूल्य
कस्टम ड्यूटी (Custom Duty) इसमें कस्टम ड्यूटी टैक्स 15% लगता हैं। इसमें कस्टम ड्यूटी टैक्स नहीं लगती हैं। इसमें भी कस्टम ड्यूटी टैक्स नहीं लगता हैं।
मैकिंग चार्जेस(Making Charges)फिज़िकल गोल्ड में 5 से 15% तक के चार्जेस लग सकते हैंइसमें आपको 2.5% से 3% तक के चार्जेस लग सकते हैं। इसमे कोई भी चार्जेस नहीं लगते हैं।
स्टोरेज (Storage) भौतिक सोने को खरीद कर किसी सुरक्षित जगह पर रखना परता हैं। इसको आप अपने वॉलेट में रख सकते हैं, अगर आपको सोने की जरूरत हैं तो आप इसे डेलीवेरी भी करवा सकते हैं। ये आपको सर्टिफिकेट(certificate) के रूप में मिलता हैं।
लॉक-इन अवधि (Lock-in Period)भौतिक सोने में कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती, आप इसे जब चाहें बेच सकते हैं।डिजिटल गोल्ड में भी किसी तरह का लॉक-इन अवधि नहीं होती हैं।इसकी लॉक-इन अवधि 5 वर्ष है।
शुद्धता (Purity)इसमें आपको कई तरह के सोने मिल सकते हैं जैसे की 18/20/22/24 कैरेट के होते होते हैं। इसमें आपको 24 कैरेट के ही सोने मिलते हैं। इसमें आपको 24 कैरेट के सोने मिलते हैं।
ब्याज (Interest)भौतिक सोने में किसी तरह के ब्याज नहीं मिलते हैं। डिजिटल गोल्ड में ब्याज नहीं मिलते हैं। इसमें आपको 2.5% वार्षिक ब्याज मिलता हैं।
न्यूनतम निवेश (Minimum Investment)आप भौतिक सोने में जितना चाहें उतना ग्राम सोना खरीद सकते हैंडिजिटल गोल्ड में ₹1 से भी निवेश कर सकते हैं। इसमे आपको 1 ग्राम सोना लेना होगा।
आधिकतम निवेश (Maximum Investment)भौतिक सोने में आप जितना चाहे खरीद सकते हैं इसमें को भी सीमा नहीं हैं। डिजिटल गोल्ड में भी आप जितना चाहे खरीद सकते हैं। इसमें आप 4kg से ज्यादा नहीं खरीद सकते हैं,चाहे आप एक व्यक्ति (Individual) हो या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF)
अगर आप ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान जैसे संगठन हैं, तो आप एक वित्तीय वर्ष में 20kg से ज़्यादा नहीं खरीद सकते।
ट्रैड (Trade)फिज़िकल गोल्ड में आप ट्रैड नहीं कर सकते हैं।डिजिटल गोल्ड में आप ट्रैड नहीं कर सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बेच सकते हैं, अगर आप डीमैट फॉर्म में लिया हैं, तो आप इसे शेयर मार्केट बेच सकते हैं।
टैक्स (Tax )एक बार 3% जीएसटी (GST) देना होता हैं।एक बार 3%जीएसटी (GST) देना होता हैं।कोई जीएसटी (GST) टैक्स नहीं देना होता हैं।
एसआईपी (SIP)इसमें हम एसआईपी नहीं कर सकते हैं।डिजिटल गोल्ड मेें एसआईपी कर सकते हैं।इसमें एसआईपी नहीं कर सकते हैं।
खरीदारी (BUY)किसी भी सोने के दुकान से हम खरीद सकते हैं।डिजिटल गोल्ड को PhonePe, या Paytm से भी खरीद सकते हैं।सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को Post office, RBI, Bank, स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) से ले सकते हैं।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond) में कैसे निवेश करें

आप अपने पैसे को 4 तरीके से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड(Sovereign Gold Bond) में निवेश क्यर सकते हैं।

  • व्यावसायिक बैंक (Commercial Bank)
  • पोस्ट ऑफिस (Post Office)
  • स्टॉक ब्रॉकर्स (Stock Brokers)
  • स्टॉक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Stock Corporation Of India Limited)

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