कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) को आसान शब्दों में समझे तो जो हमारे पूंजीगत संपत्ति (Capital Assets) जैसे: बिल्डिंग, ज्वैलरी, बॉन्ड, शेयर आदि को बेचने पर हमें जो लाभ होता हैं, उन ही पर कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) लिया जाता हैं, इसे कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) कहते हैं। क्योंकि सरकार इसे आय का एक हिस्सा मानती है, इसलिए 2018 में शेयर बाजार को कैपिटल गेन में शामिल कर लिया गया। कैपिटल गेन टैक्स दो तरह का होता है।
1. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Long Term Capital Gain Tax)
लॉन्ग टर्म में अगर आपने कोई प्रॉपर्टी (मकान, ज्वेलरी आदि) 36 महीने से ज़्यादा और सिक्योरिटीज़ (बॉन्ड, स्टॉक, म्यूचुअल फंड आदि) 12 महीने से ज़्यादा समय तक अपने पास रखी हैं, तो वह लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट्स बन जाती है और अगर आप अपनी प्रॉपर्टी बेचकर उससे मुनाफ़ा कमाते हैं, तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Long Term Capital Gain Tax) कहते हैं। अगर लॉन्ग टर्म में आपको 1.25 लाख से ज़्यादा का मुनाफ़ा होता है, तो आपको 12.5% टैक्स देना होगा।
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2 . शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Short Term Capital Gain Tax)
शॉर्ट टर्म (Short Term) में भी यदि आप कोई भी संपत्ति को आपने 36 महीनों और सिक्योरिटीज़ को 12 महीनों से कम अपने पास रखते हैं, तो वो शॉर्ट टर्म कैपिटल एसेट्स होगी, और उसमें जो आपको फायदा होता हैं उसे हम शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Short Term Capital Gain Tax) कहते हैं।
शॉर्ट टर्म में आपको 20% का टैक्स देना होता हैं, यदि आप शॉर्ट टर्म में प्रॉफ़िट किये हैं तो चाहे आप 10% के स्लैब में या 20 या 30 प्रतिसत के स्लैब में आते हो, तो भी आपको 20% टैक्स ही लगेगा, और आप अपने शेयर को शॉर्ट टर्म में बेचते हैं तो उस टाइम यदि आपकी आय 2.5 लाख से कम हैं और शेयर बेचने पर जो लाभ होगा, उसको आपके आय से अजस्ट किया जाएगा, और फिर टैक्स कैलकुलेट होगा, इस पर अपको 20% टैक्स के साथ 4% सेस भी लगेगा।
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